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हालांकि इन शहरों में 5G जल्दी दस्तक देगा, लेकिन किस टेलीकॉम ऑपरेटर द्वारा सबसे पहले 5G सर्विस मिलेगी, ये अभी साफ़ नहीं है। लेकिन भारत के तीनों ही बड़े ऑपरेटरों Jio, Airtel और Vi द्वारा कई शहरों में इसके ट्रायल चल रहे हैं। ये पढ़ें: Xiaomi 12 और 12 Pro लॉन्च हुए; फोनों में आये फ़ीचर उस जायेंगे आपके होश
5G के हैं ये लाभ ?
बैंडविड्थ ज्यादा मिलेगा – बैंडविड्थ वो स्पेस होता है जो उन लोगों के लिए है जो एक समय पर फाइल डाउनलोड कर रहे हैं, पेज देख रहे हैं,वीडियो चला रहे हैं, इत्यादि। बैंडविड्थ जितनी कम मिलेगी, उतना ही आपका डिवाइस स्लो चलेगा और 5G में आपको काफी ज़्यादा bandwidth मिलने वाली है। फ़ास्ट इंटरनेट स्पीड – अगर आप सोच रहे हैं कि बैंडविड्थ के बढ़ने के कारण इसे ज्यादा लोग इस्तेमाल करेंगे और स्पीड पर कोई असर आएगा, तो ऐसा नहीं है। डिवाइस भी तेज़ रहेगा और इंटरनेट की स्पीड में भी बढ़ोतरी होगी। जहां लोग 5G नेटवर्क को इस्तेमाल कर पा रहे हैं, वहाँ तेज़, बेहतर और मजबूत कनेक्टिविटी मिल रही है।लो लेटेंसी– 5G mm wave में 1ms से भी कम लेटेंसी हासिल की जा सकती है।
5G को मुमकिन बनाने वाली संस्थाएं
भारत के दूरसंचार विभाग ने Indigenous 5G Test Bed प्रोजेक्ट, जो कि 2018 में शुरू हुआ था, के लिए आठ संस्थाओं से पार्टनरशिप की थी और अब ये प्रोजेक्ट अपने अंतिम पड़ाव में है। ये आठ संस्थाएं, जो इसे यहां तक लायीं है, वो हैं –
IIT बॉम्बे IIT दिल्ली IIT हैदराबाद IIT मद्रासIIT कानपूर भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) बैंगलोर प्रायोगिक सूक्ष्मतरंग इलेक्ट्रॉनिक अभियांत्रिकी तथा अनुसंधान संस्था (SAMEER)Centre of Excellence in Wireless Technology (CEWiT)
DoT ने सितम्बर 2021 में घोषणा की थी कि उन्होंने TRAI को एक संदर्भ भेजा है, जिसमें उन्होंने 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी से सम्बंधित रिकमेन्डेशन मांगी थीं। इस सिफारिश में अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल दूरसंचार / 5G के लिए आरक्षित मूल्य, बैंड योजना, ब्लॉक आकार, नीलाम किये किए जाने वाले स्पेक्ट्रम की मात्रा और शर्तों की जानकारी देनी थी। के बारे में के लिए नीलामी
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